रंगों के प्रभावी गुण के कारण ही रंग चिकित्सा का चलन हुआ।
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है और हमारे चरित्र को आकार देता है, ही प्रभावी गुण होता है।
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दरअसल कई सालों के बाद की रिसर्च के बाद ये सवाल आपको ये बता पाने में सफल होते है कि आपके पांच प्रभावी गुण क्या है और इक्कीस अन्य गुण।
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मन के साथ हर पल बनें रहो, मन बिषय पर जो सोचता हो उस सोच के आधार पर अपनें गुण समीकरण को पहचानों, प्रभावी गुण की पहचान होनें पर मन को सत गुण के तत्वों पर केन्द्रित करनें की कोशीश धीरे-धीरे गुण समीकरण में परिवर्तन ला सकती है और जब सत गुण की ऊर्जा मन-बुद्धि में भरनें लगती है तब मन भोग में रूचि लेना छोड़ देता है, वह भोग का द्रष्टा बन जाता है ।